डबल इंजन सरकार की कल्याणकारी योजनाओं ने बदली हिमाचल की तस्वीर
प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर अनेकों नई कल्याणकारी योजनाएं कार्यान्वित की हैं। बुजुर्गों, युवाओं, बेटियों और महिलाओं पर केंद्रित इन योजनाओं से लोगों के सामाजिक-आर्थिक जीवन में आशातीत बदलाव आया है। हिमकेयर, मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना, मुख्यमंत्री सहारा योजना और मुख्यमंत्री स्वावलम्बन जैसी अनेक नई योजनाएं अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो रही हैं।
आयुष्मान भारत और हिमकेयर योजना के 4.53 लाख लाभार्थी
लोगों के निःशुल्क इलाज के लिए भारत सरकार द्वारा आरम्भ की गई वृहद स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत के तहत प्रदेश के 4 लाख 31 हजार परिवार पंजीकृत हैं। योजना के तहत अभी तक 1 लाख 45 हजार मरीजों का निःशुल्क इलाज किया जा चुका है, जिस पर 178 करोड़ व्यय किए गए हैं।
आयुष्मान भारत योजना का सार्वभौमीकरण करते हुए प्रदेश सरकार ने हिमकेयर योजना आरम्भ की ताकि प्रदेश के वो लोग भी लाभान्वित हो सकें जो आयुष्मान भारत योजना में शामिल नहीं हो पाए थे। इस योजना के तहत हिमाचल में 6 लाख 18 हजार परिवार पंजीकृत हैं। हिमकेयर के तहत अभी तक 3 लाख 8 हजार मरीजों का निःशुल्क इलाज किया जा चुका है। इस पर 285 करोड़ खर्च हो चुके हैं। डबल इंजन सरकार इन दोनों योजनाओं के माध्यम से साढ़े चार लाख लोगों के निःशुल्क इलाज पर लगभग 463 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है।
मुख्यमंत्री सहारा योजना का 20 हजार से ज्यादा को मिल रहा लाभ
राज्य सरकार ने गंभीर बीमारी के कारण दूसरों पर आश्रित हो चुके जरूरतमंदों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री सहारा योजना क्रियान्वित की है। सम्पूर्ण देश में यह अपनी तरह की पहली योजना है। वर्तमान में हिमाचल में 20 हजार से ज्यादा जरूरतमंदों को अतिरिक्त देखभाल के लिए इस योजना के माध्यम से हर महीने 3 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। इसके तहत अभी तक लगभग 80 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है।
घरेलू गैस कनेक्शन पर 159 करोड़ रुपये खर्च
हिमाचल सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए कृतसंकल्प है। महिलाओं के स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए उन्हें चूल्हे के धुंए से होने वाली बीमारियों जैसे दमा और आंखों के रोगों से सुरक्षित रखने इत्यादि के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत की, जिसमें महिलाओं को मुफ्त घरेलू गैसे कनेक्शन वितरित किए गए। इस योजना को शुरू करने का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण भी है। हिमाचल में इस योजना के तहत 1 लाख 37 हजार गैस कनेक्शन वितरित किए गए, जिस पर 28.15 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
केंद्र सरकार की इस योजना का भी सार्वभौमीकरण करते हुए उज्ज्वला योजना का लाभ न पा सके गरीब परिवारों को निःशुल्क घरेलू गैस कनेक्शन देने के लिए राज्य सरकार ने गृहिणी सुविधा योजना क्रियान्वित की। योजना के तहत 3 लाख 32 हजार घरेलू गैस कनेक्शन वितरित किए गए, जिस पर 130 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। वर्तमान में हिमाचल देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां हर घर में घरेलू गैस कनेक्शन है। डबल इंजन की सरकार ने इसमें 159 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर घर-घर निःशुल्क गैस कनेक्शन की सुविधा दी है। इस तरह हिमाचल देश का पहला चूल्हा धंुआमुक्त राज्य भी है।
मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना से 11 हजार से ज्यादा को मिला रोजगार
मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में स्वरोजगार को बढ़ावा देना है। इस योजना के माध्यम से प्रदेश के बेरोजगार युवा स्वरोजगार स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित हो कर आत्मनिर्भर व स्वावलम्बी बन रहे हैं। इस योजना के माध्यम से प्रदेश सरकार पात्र युवाओं को एक करोड़ रुपये तक के निवेश पर 25 से 35 प्रतिशत उपदान प्रदान कर रही है। योजना के तहत कुल 721 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। सरकार की ओर से इस योजना के तहत 200 करोड़ रुपये की उपदान राशि प्रदान की गई। इसमें कुल 4377 इकाइयां स्वीकृत की गईं, जिनसे 11 हजार 674 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है।
बेटियों की शादी पर 17 करोड़ से अधिक का शगुन
बीपीएल परिवार की बेटियों की शादी पर आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए राज्य में पहली बार मुख्यमंत्री शगुन योजना आरम्भ की गई है। बीपीएल परिवार से संबंध रखने वाली बेटी की शादी पर सरकार की ओर से 31 हजार की आर्थिक सहायता शगुन के रूप में की जाती है। अब तक इस योजना के अंतर्गत 5 हजार 621 बेटियों की शादी पर आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। योजना पर 17.42 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
इस प्रकार राज्य सरकार सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय की भावना से सभी प्रदेशवासियों के कल्याण के लिए नित नई योजनाएं कार्यान्वित कर रही है, जिनसे समाज के सभी वर्ग लाभान्वित हो रहे हैं।