लाहौल-स्पीति एक जनजातीय जिला है। नैसर्गिक खूबसूरती की एक अलग झलक यहां देखने और महसूस करने को मिलती है। जिले की दूसरी विशेषता है भौगोलिक दृष्टि से हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा जिला होना। लाहौल- स्पीति ने अपने अस्तित्व में आने के बाद विभिन्न चुनौतियों के बीच अपनी विकास यात्रा जारी रखी। लेकिन वर्तमान सरकार के कार्यकाल में इस जिले ने कुछ नए व उल्लेखनीय विकासात्मक सोपान हासिल किए हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के सपने को वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सकारात्मक मदद द्वारा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के प्रयासों से अटल टनल रोहतांग के तौर पर मूर्त रूप मिला। इसके निर्माण ने न केवल लाहौल घाटी के लोगों की दशकों पुरानी विकट परिस्थितियों का अंत किया, अपितु भारत को सामरिक और इंजीनियरिंग के दृष्टिकोण से भी विश्व भर में बढ़त का तमगा दिला दिया है। समुद्र तल से 10 हजार फुट से अधिक की ऊंचाई पर निर्मित 9.02 किलोमीटर लंबी रोहतांग टनल अपने आप में एक बेजोड़ आकर्षण है।
अत्याधुनिक इंजीनियरिंग व टेक्नोलॉजी की मिसाल वाली इस टनल के लोकार्पण के लिए कोविड-19 की बंदिशों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं हिमाचल प्रदेश आकर इसे जनता को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने लाहौल घाटी के सिसु में बाकायदा जनसभा को भी संबोधित किया।
अटल टनल रोहतांग बनने से लाहौल वासियों की दिक्कतों का अंत ही नहीं हुआ बल्कि समूची घाटी में पर्यटन विकास की नई अवधारणाएं भी जन्म लेने लगी हैं। आने वाले समय में लाहौल घाटी साहसिक व रोमांचक पर्यटन का नया डेस्टिनेशन बनने वाली है।
टनल खुलने के बाद वैसे तो समूची लाहौल घाटी सामाजिक-आर्थिक सुख-समृद्धि की उम्मीदों से भरे रास्ते की ओर गामजन हुई है। पर नॉर्थ पोर्टल के समीप स्थित सिसु व कोकसर क्षेत्र में तो खासतौर से पर्यटन विकास के नए द्वार खुले हैं। सिसु को अब पर्यटन गांव के तौर पर विकसित किया जा रहा है। पर्यटन विभाग द्वारा इसको लेकर एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है। योजना के तहत होटल व हट्ज़ निर्माण के अलावा स्केटिंग रिंक, पार्किंग, पार्क और मौजूदा झील को विकसित करके पर्यटकों को बेहतरीन सुविधाएं देना भी शामिल है।
लाहौल-स्पीति के उपायुक्त नीरज कुमार ने कहा कि सिसु में हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा कैफे की सुविधा शुरु की जा चुकी है। इसी के साथ यहां एक सेल्फी प्वांइट भी बनाया गया है।
सिसु स्थित झील यहां का विशेष आकर्षण है। इस झील में बोटिंग को लेकर भी गतिविधियां शुरू की गई हैं। सिसु के समीप ही तिलिंग में पैराग्लाइडिंग के लिए भी साइट चिन्हित की जा चुकी है। साहसिक
पर्यटन के तौर पर रिवर राफ्टिंग भी एक खास आकर्षण रहेगा।
निश्चित तौर पर सिसु और समीपवर्ती क्षेत्रों में आने वाले समय में पर्यटन के कई नए आयाम जुड़ने वाले हैं।