श्री हरदीप पुरी ने नई प्रौद्योगिकियों के लिए दरों की सूची 2018 और सीपीडब्ल्यूडी का पहला क्यू आर कोड जारी किया
श्री हरदीप पुरी ने सीपीडब्ल्यूडी के फेसबुक और विभागीय वेबसाइट पर ट्विटर पेज भी लॉंन्च किए
सीपीडब्ल्यूडी को नई, हरित और लचीली प्रौद्योगिकियों को अपनाकर पारंपरिक निर्माण अभ्यासों से हटकर आगे सोचने की जरूरत है : हरदीप पुरी
आवास और शहरी मामलों के राज्यमंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के समक्ष अभी से लेकर 2030 तक हर साल 700 से 900 मिलियन वर्ग मीटर शहरी स्पेस का निर्माण करने का सुअवसर है जो हरित, लचीली और पारिस्थितिक रूप से दीर्घकालिक होगा। उन्होंने कहा कि इसका मतलब भारत को हर साल एक नए शिकागो का निर्माण करना है।
श्री हरदीप पुरी आज यहां नई प्रौदयोगिकियों के लिए दरों की सूची (एसओआर) 2018 पर एक पुस्तिका और सीपीडब्ल्यूडी का पहला पीआर कोड जारी करने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। श्री हरदीप पुरी ने इस अवसर पर सीपीडब्ल्यूडी के फेसबुक और विभागीय वेबसाइट पर ट्विटर पेज भी लॉन्च किये।
श्री पुरी ने देश में तेज विकास की चर्चा करते हुए कहा कि हमारा देश विश्व की तेजी सी बढ़ती अर्थव्यवस्था है और यह अनगिनत निर्माण एवं ढांचागत परियोजनाओं के जरिए औद्योगिकरण और आधुनिकीकरण के महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है। इसलिए यह दौर सीपीडब्ल्यूडी के सामने चुनौतियों और सुअवसर भरा है।
श्री हरदीप पुरी ने इस बात पर जोर दिया कि ऊर्जा खपत वाली निर्माण वस्तुओं के इस्तेमाल की पारंपरिक निर्माण अभ्यासों से हटकर प्राकृतिक संसाधनों और उभरती प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल करते हुए आगे सोचने की जरूरत है। इससे निर्माण में न सिर्फ गुणवत्ता आयेगी बल्कि यह सुरक्षित और दीर्घकालिक भी होगा। उन्होंने कहा कि ऊर्जा बचत के उपायों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
इस अवसर पर मंत्रालय और सीपीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।